
तुम्हारी यादों का सिलसिला और ये लम्बा सफ़र ....
जीने की चाह और उसका यह बसर ....
क्यों रखते हो जीने के साथ मरने की कसर....
गर एहसास ही तो समझा हमने ......
प्यार को पूजा ही तो समझा हमने.......
फिर क्यों तोड़ते हो सारे बंधन और वह सपने...
हम तो तुम्हारे ही पास है.....
यही जीवन की एक आस है....
इश्क की गहराई तो असीम है ....
नापना तो दूर यह बहुत ही कमसीन है...........
समझा तो जाना तुम ही वो हसीन हो ....
सच हीर राँझा तो एक इतिहास है.............
नया तो हम बनाएंगे ..................
तुम्हारे दिल में रहकर इसके बीज उगाएंगे ............
फिर एक नयी कसक पैदा होगी...............
फिर प्यार का एक खेत लहराएगा...............
यही जीने का अंदाज सिखाएगा.....