जीवन में कैसे कैसे मोड़ आते है ? और क्या- क्या देखने को मिलता है ? आज मन बहुत ही उदास था,कारण बहुत ही बड़ा था .
मेरे फैशन कॉलेज के मित्रों में से एक रविंदर नाम की लड़की है ..जो बहुत ही हिम्मत वाली है, हमारी दोस्ती को आज तेरह साल हो गए पर आज भी फ़ोन पर या इन्टरनेट लाइन पर या किसी function पर मिलना जुलना होता रहता है ..अभी एक दिन पहले मेरे पास फ़ोन आया की रविंदर के छोटे भाई स्वर्ग सिधार गया... मै तो हेराँ हो गया... क्योंकि कुछ ही घंटो पहेले तो मेरी रविंदर से बात हुई थी.. तब तो ऐसा न था, पर मैं उसी वक़्त उसके घर के तरफ रवाना हुआ... वहां पर माहौल बहुत ही ग़मगीन था, और होने भी था एक जवान लड़के की मौत जो हुई थी ... रविंदर के छोटे भाई का नाम रमन था... उसने इसी साल बारहवी की परीक्षा दी है, और अगले महीने परिणाम भी आने वाला है , पर उस से पहले ही ये घटना हो गयी ........ लोगो की बातों से पता चला की वह घर के पास पार्क में मृतावस्था में मिला . उस वक़्त उस पार्क मैं कोई नहीं था.. और कुछ लोग तो थे ...पर शायद किसी ने सोचा के वह बेंच पर लेटकर आराम कर रहा होगा.. लेकिन जब बहुत देर हो गयी तो कुछ लोगो को शक होने लगा.. उसको पास ही खेल रहे बच्चों के boll भी लगी पर उसने कोई ही हरकत नहीं की तब किसी ने उसको हिलाया डुलाया तो तब जाकर पता चला की वह मर चूका है .घर वालो को जब पता चला तो आप लोग तो जानते ही की क्या हाल होता है ?उसी वक़्त पुलिस ने बॉडी को अपने कब्जे में करके फ़ौरन पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया सबका कहना है की उस सतरह साल के लड़के की मौत जहर खाने से हुई है ...
अब ये सब कैसे हुआ ?और उसने किया है, या किसी ने उसको जहर दिया या उसने खुद खाया, ये तो पुलिस ही पता लगाएगी
वैसे वह बहुत ही अच्छे स्वभाव का लड़का था किसी का वह बुरा ही नहीं कर सकता था ... पिता की मौत भी तीन साल पहले हो गयी थी ...और साथ साथ ही business भी खतम हो गया था... रविंदर ही जैसे तैसे करके अपना घर चला रही थी.. अपने छोटे भाई का भी ध्यान रखना और उसकी पढाई का भी ख्याल करना साथ में माँ को भी देखना बहुत ही साहसिक वाला कार्य था
इन सब मुश्किलों के होते वह शादी कैसे कर सकती थी ? पर जो भी है उसने हर हालात का सामना हँसते ही किया और आज छोटे भाई की मौत ने उसको दहला दिया ...
मैं तो इस बात को देखकर यही कहना चाहता था की आज के समय मैं किशोरों के दर्द या दिल का हाल के बारे में जरूर ध्यान देना चाहिए... आजकल के किशोरों को हमसे ज्यादा टेंशन होती है... जिसको वह बताते नहीं और अन्दर ही अन्दर उसको झेलते रहते है... हमको चाहिए के अपने बच्चों का ख्याल पूरी तरह से करें और उनकी हर बात पर गौर करें उनसे पुरे दिन का हाल चाल पूछना चाहिए की स्कूल या कॉलेज में क्या क्या हुआ ? और कोई तुमको परेशान तो नहीं कर रहा है या कोई ऐसे परेशानी या पढाई के मामले कोई दिक्कत आदि हमको अपने किशोरों से बहुत सावधानी से और प्यार से बर्ताव करना चाहिए उनको डाँटना नहीं चाहिए बल्कि प्यार से समझाना चाहिए तभी वह हमको अपने दिल की बात खुलकर बताएँगे और फिर ऐसे कोई भी घटना से हम बच सके सच जीवन कितना कठोर होता है इसमें दर्द ज्यादा और सुख बहुत ही कम होता है फिर हमको जीना है हमारे बच्चों के लिए अपने माँ बाप के लिए
1 टिप्पणी:
इस वाकये को पढ कर आंखें भर आईं
वाकया तो दुखद था ही साथ ही आपके लेखन ने और भी भाव भर दिये हैं।
मां शारदा आपकी लेखनी में इसी तरह विराजती रहें।
शुभकामनाएं
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