इतेफाक की बात थी की वह तुम तक पहुँच नहीं पाया....
जुस्तुजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने .....
क्या अर्ज करे तुमको आरजू तो बहुत थी तुमसे मिलने की .....
पर खैर खुदा उस अजीज़ तक पहुँच न पाया .....
एक वादा था तुमसे जो मैंने हर दिन हर पल निभाया .....
जस्बातों का सिलसिला एक बार फिर से लहराया .....
कौन कहता है की हम नजरअंदाज कर गए तुमको .....
हर एक अपनी सांस को तुमसे जुड़ते हुए पाया .....
एक बार लबो पर हमारा नाम तो लेकर देखो......
खुदा कसम ये जिंदगी नाम कर देंगे तुम्हारे......
पर किस्मत ऐसी की तुम तक ही पहुँच ही न पाया......
एक वादा था जो मैंने हर दिन हर पल निभाया......
रात दिन का सिलसिला चलता रहा......
पर तुमसे मिलने का दिन नहीं आया ......
वादे वफ़ा महोब्बत के सुनाते कैसे......
अब तो हमारे मरने का पैगाम आया......
इतेफाक की बात थी ......
एक वादा था तुमसे जो मैंने हर दिन हर पल निभाया .....
क्या कभी तुमको इसका ख्याल आया .....
क्या कभी तुमको इसका ख्याल आया ......
जुस्तुजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने .....
क्या अर्ज करे तुमको आरजू तो बहुत थी तुमसे मिलने की .....
पर खैर खुदा उस अजीज़ तक पहुँच न पाया .....
एक वादा था तुमसे जो मैंने हर दिन हर पल निभाया .....
जस्बातों का सिलसिला एक बार फिर से लहराया .....
कौन कहता है की हम नजरअंदाज कर गए तुमको .....
हर एक अपनी सांस को तुमसे जुड़ते हुए पाया .....
एक बार लबो पर हमारा नाम तो लेकर देखो......
खुदा कसम ये जिंदगी नाम कर देंगे तुम्हारे......
पर किस्मत ऐसी की तुम तक ही पहुँच ही न पाया......
एक वादा था जो मैंने हर दिन हर पल निभाया......
रात दिन का सिलसिला चलता रहा......
पर तुमसे मिलने का दिन नहीं आया ......
वादे वफ़ा महोब्बत के सुनाते कैसे......
अब तो हमारे मरने का पैगाम आया......
इतेफाक की बात थी ......
एक वादा था तुमसे जो मैंने हर दिन हर पल निभाया .....
क्या कभी तुमको इसका ख्याल आया .....
क्या कभी तुमको इसका ख्याल आया ......
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